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यदि माता-पिता चाहें तो बड़ी आसानी से बच्चों पर निगरानी रख सकते हैं। माता पिता के भूलें - पड़ोसी ,मित्र, स्कूल अथवा रिश्तेदार ने आपके बच्चों के बारे में कुछ बताया तो लड़ लेंगे पर सच्चाई जानने का प्रयास नहीं करेंगे। कभी मोबाइल चेक नहीं करेंगे अंधा विश्वास जो ठहरा। यदि बच्चे अपना मोबाइल किसी को छूने भी नहीं देते तो समझ लेना चाहिए कि मामला गड़बड़ है। एक्टिवा अथवा जो भी वाहन हो उसका माइलेज भी चेक करते रहना चाहिए। बात कड़वी जरुर है, किसी को बुरा भी लगे तो क्षमा करें। यदि हम अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं तो हमें अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी।

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स्वेता रानी तुम डेढ़ किलों मेकअप लगा के ज्यादा ज्ञानी बनने की कोशिश न करो , भगवान ने वैसे भी बुद्धि कम दी है तुमको
अपने हिंदू मंदिरों में भी ऐसे कई मंदिर हैं कई राज्यों में जहा लड़कियों का जाना मना है और वो साउथ में ही है
केवल बूढ़ी औरते ही जा सकती है वहा मर्दों के साथ न की लड़किया , और वजह सबको अच्छे से पता है क्यू ?
और जैसे अपने यहां लड़कियों का हनुमान जी को छूना मना है केवल दूर से ही प्रणाम कर सकती है, और शनि देव सिघना पुर के मंदिर में भी औरतों का छूना वर्जित है

इसी तरह होगा उनका भी कोई रिवाज या प्रथा, नियम
उसमे किसी को ज्ञान जाने बिना ज्ञान देने की जरूरत नहीं होनी चाहिए और न जाने समझे बिना कोई कॉमेंट ही करना चाहिए
सभी धर्मो की। इज्जत करनी चाहिए और जबरदस्ती उसमे अपनी टांग नही फसानी चाहिए


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