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बहुत ही दुखद समाचार हैं। हम खुद देखे हैं टीटीई कैसे बजबूर और जिसको किसी कारनबस जल्दी किसी जगह पे पहुंचना होता हैं उनको निशाना बनाते हैं। थोड़ा सीधा सभ्य हैं तो हाथ भी लगा देते। इसलिए सभी टीटीई को ये समझा दिया जाए की अब ओर अभी से किसी बेबस लाचार सभ्य समझदार को परेशान और धक्का देके जान से मारने की कोशिश ना करें। ये रेलगाड़ी हम भारतीयों की है, जनता की संपत्ति हैं, किसी टीटीई की नही। और सबसे बड़ा बात पैसे तो ऐसे लूट ले जाते हैं टीटीई की पूछो मत कम से कम दस हजार से बीस हजार tk per day Black पॉकेट मनी घर ले जाता हैं पुराना वाला। नया वाला तो जो भी लेता है आधा देना परता है।

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