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जब गोदी मीडिया ट्रायल चालू कर दे और कथित बुद्धिजीवी पढा लिखा नामचीन समाज आंदोलन पर उतर आए तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सरकार और पूंजीपतियों का हस्तक्षेप नहीं है ,
मा० सांसद व कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह जी को पंतजलि का घी स्वास्थ्य वर्धक लगता और दंतक्रांति मंजन जबरदस्त परिणाम देने वाला लगता तो भक्तों को आज अश्रुधार प्रवाहित करने की जरूरत नही थी लेकिन भक्तों की स्थिति दिन प्रति दिन उस नृत्यांगना की तरह होती जा रही है जिसके साथ कार्यक्रम के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठा सबसे फटीचर आदमी भी हाथ मारने की जुर्रत करता है,
आज अंधभक्तो की चहेती गोदी मीडिया जिस तरह से विधवा विलाप कर रही है उससे भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोलगप्पे की तरह हो चुकी है,


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