1 टिप्पणियाँ

आमीन, भारत में जाति तांत्रिक व्यवस्थागत ढांचे द्वारा पैदा की गई कई कई अदृश्य आलोकिक शक्तियां हर वक़्त प्रभावशाली ढंग से इसप्रकार काम करती रहती है उनका दर्जा, रूतबा भारत के समस्त कानून कायदों न्याय, नैतिकता, मानवीय मूल्यों, नियमावलियों प्रोटोकॉल मान्यताओं आदि से विशेष व बहुत उपर होता है , जैसे तुष्टिकरण चाहे वह अतृप्त जातिवाद आधारित हो या अल्पसंख्यक वाद आधारित हो, जिसका वोटबैंक पर प्रभाव हो, धन बल, पंहुच रूतबा हैसियत हो, अराजकता, भीडतंत्र, हिंसा, बंध,जाम धरने प्रदर्शन करने में सक्षम हो, अल्पसंख्यक वाद, जातिवाद, विक्टिम कार्ड खेलने में सक्षम हो, वर्ग कार्ड, प्रेसर ग्रुप, संगठन, समूह, यूनियने, आदि के माध्यम से दबाव बनाये रखने में सक्षम हो, ऐसी अदृश्य आलोकिक शक्तियों के आगे सरकार, शासन, प्रशासन, पुलिस, न्याय सब कुछ नतमस्तक रहते हैं

Link: http://www.vin3.org/index.php?c=article&cod=306437&lang=IN#vin3Comment-1441332
----------------------