1 टिप्पणियाँ

कल को वही सुलताना या सुरभी किसी आश्रम मे ना पकड़ा जाए, बाबा का गुणगान करते हुऐ, मुझे नही लगता इस 21वी सदी मे जहां सबकुछ विज्ञान और मैथ के रास्ते हो रहा है, वहां कोई कथाकथित बाबा, मौलवी या किसी भी धर्म के अनुयाई की जरूरत है, धर्म भी सदैव शांति का संदेश देता है। पर अफसोस मैने अपने 32 साल के उम्र मे धर्म के लिए किसी को जीते नही मरते हजारों को देखा है. फैसला जन्मत का सोच जन्मत का, तो क्यों ना हम विज्ञान की ओर बढ़े और दुनिया को नई ऊंचाई दे, धर्म की ओर बढ़ना राजनीति और राजनीति से जुड़े लोगो को फायदा पहुंचाना है। आप इतिहास, भूगोल या जो चाहे पढ़ले या देखले......

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