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जैसा कि आप सभी जानते है तुलसीदास की रामायण में राम नायक है उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है उनका त्याग भी आज समाज के लिए उदाहरण है कि भाई के लिए राजगद्दी त्याग कर वनवास गए भरत ने भी उनसे ज्यादा बड़प्पन दिखाते हुए उनकी खड़ाऊ राज गद्दी पर रखकर शासन किया लेकिन आज भाई भाई का ही जमीन हड़प रहा है और तो और जितने भी लोग घर मे रामायण पाठ कर रहे है वह भी भाई का हक मार के बैठे है

जबकि दूसरा पहलू ये है कि तमाम गुणों के बाद भी कोई भी बाप आज राम जैसे लड़के से अपनी बेटी की शादी नही करेगा कि राम ने महिलाओं पर अत्याचार ही किये पहला बाण महिला पर फिर राम के सामने ही लक्ष्मण ने सुपर्णनखा का नाक काट दिया फिर अपनी धर्मपत्नी को गर्भवती कर रात में जंगल मे छोड़वा दिया तो रामायण पर बवाल काटने वालो न राम जैसा त्याग कर सकते हो न राम जैसा दामाद चाह सकते है तो चुप हो जाओ पाखंडियों केवल मानवता के लिए आवाज उठावो ।।अमित मौर्य की कलम से


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