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एक बार अकबर ने बाबा हरिदास से कहा तुम कितने पाखंडी हो जो मूर्ति पूजा करते हो क्या रखा है इस पत्थर की मूर्ति में न यह बोलती न यह देखती न कुछ कह सकती फिर भी इतना सम्मान.. में इसे ढोंग हीं कहूंगा.... तब बावा हरिदास ने अकबर के सिंघाशन के ऊपर लगी फोटो को उतारने के लिए कहा.. फोटो उतारी गई.. बाबा हरिदास ने कहा यह किस की फोटो है.. अकबर ने कहा मेरे पिताजी की बोले तो इस पर थूक दो.. अकबर बोला यह मेरे पिताजी का फोटो है में कैसे थूक सकता हूँ बोले तेरे पिताजी दुनिया में नहीं है यह फोटो है मात्र न यह बोल सकता न यह देख सकता न कुछ कह सकता न यह तेरे पिता है.. यह तो मात्र एक कलाकार दुआरा बनाई पेंटिंग है.. थूक दें इस पर में दूसरी बनवा दुंगा.. अकबर को समझ आ गया कि सनातन हीं महान है.... भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति पर माला चढ़ाने से गाँधी की समाधि पर फूल चढ़ाने से उनका सम्मान बढ़ जाता है.. यह तो सनातन धर्म हीं बताता है बाकी तो कोई धर्म नहीं सिखाता ऐसा सम्मान.. कि अपने बुजुर्गो का सम्मान भी इस तरह किया जा सकता है...विस्वास है मुलायम सिंह की समाधि पर जाकर फूल चढ़ाओ अम्बेडकर की मूर्ति पर जाकर माला चढ़ाओ फूल चढ़ाओ गाँधी की समाधी पर ध्यान लगाओ फूल चढ़ाओ.. नेताओं की रैलियों में नेताओं के पीछे भागो जय कारे लगाओ.. यह विश्वास है.. पर सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण को को हमारे शात्र बताते थे लोगो को सचेत करते थे नंगी आँखों से मत देखना.. लोग हँसते थे अब विज्ञान ने भी मान लिया नंगी आँखों से मत देखो.. हमारे शात्रों में बांस को जलाना वर्जित है.. अभी कुछ समय पहले अमरीका ब्रिटेन के वैज्ञानिक ने माना कि एक बांस कि बनी अगरबत्ती 100सिगरेट के बराबर नुकसान देता है.. हमारे यहाँ वेद्य जड़ी बूटीयो कि दवा देते थे लोग हँसते थे आज़ 90%आयुर्वेद दवा मेड इन जर्मनी है जर्मनी में 1200सों से अधिक यूनवर्षीटी में आयुर्वेद पर हमारे शात्रों पर रिसर्च चल रहा है.. एक होती है जिज्ञासा.. एक होती है संका.. इंद्र को संका थी ये ग्वाल गाय चराने वाला भगवान नहीं हो सकता, शिशुपाल को शंका थी में इस ग्वाले को भगवान नहीं मानता.. यहाँ तक कि माँ सती को संका थी कि जंगल में भटकने वाला प्राणी भगवान नहीं हो सकता.. माँ शबरी को यकीन था राम आएंगे, राजा मोरध्वज को यकीन था अपने परमात्मा पर, ध्रुव को यकीन था, प्रहलाद को विस्वास था..भगवान बौद्ध की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति अफगानिस्तान में इस लिए तोड़ दी थी कि यह अंधविश्वास फैलाती है.. वह विज्ञान कि बात थी.. समझे

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