3 टिप्पणियाँ

अरे चित्रा त्रीपाठी अच्छा पत्रकार बनो दलाल नहीं,लगता है आप तो जिहादी भी बनने लगीं।‌ चन्द्र शेखर जी सिर्फ राजनेता नहीं हैं पीएचडी भी किये हैं सोधकर्ता भी हैं, विकास दिव्यकिर्ति , ज्योति राव फूले, बाबा साहेब डाक्टर भीम राव अंबेडकर, प्रोफेसर डी एन मिश्रा, बहुत नाम है जो तुलसी दूबे के रामायण पर सवाल खड़ा किया है। संत पेरियार ने सच्ची रामायण लिखा है। रावण रामायण है कुल, 300 रामायण है मोतरमा अभी तो एक ही रामायण का भंडाफोड़ हुआ तो मेकप बैग छोड़ रामायण लेकर घुमने लगी । नारी को कितना अपमानित करने का काम किया है तुलसीकृत रामायण में तुलसीदास शर्म नहीं लगता तुलसीदास की रामायण लेकर घूमती फिरती हो और चैनल पर और मुद्दे पर बहस ना करके छिछोरी मुद्दे पर बहसस करती हो, बहुत दुख होता है ना जब बहुजन अपने अधिकार की बात करता है। न्यूज रूम में बैठकर मजे लेती हो ना आलिसान मकान में रहते हो ना , भारत तेरे विवेक और व्यवहार पर थुकता है ।

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महाराज श्री क्या आप राम नाम को जानते हैं क्या राम नाम जपते हैं क्या इस नाम पर आपको विश्वास है राम नाम की महिमा का गुणगान गा सकते हैं आप जनसमूह के बीच में और बाकी की तो छोड़िए उन्होंने कहा है सिखाया है समझाया है और हमने जाना है आप इस चीज को अवगत रूप से मान करके समझाऔर बाकी की तो छोड़िए उन्होंने कहा है सिखाया है समझाया है और हमने जाना है आप इस चीज को अवगत रूप से मान करके समझें और आप भी अपनाऔर बाकी की तो छोड़िए उन्होंने कहा है सिखाया है समझाया है और हमने जाना है आप इस चीज को अवगत रूप से मान करके समझे और आप भी अपना कर समर्थन करे यह निवेदन हे आपसे

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अविमुक्तेश्वरानंद सनातन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं । क्योंकि यह वे भी जानते हैं कि प्रत्येक कार्य की अपनी एक सीमा होती है । और यदि ऐसा मान भी लें कि वे ठीक कह रहे हैं तो शंकराचार्य जैसे शीर्षस्थ धर्माचार्य होने के नाते से आपने स्वयं सनातन धर्म के लिए क्या किया ? यह बताएं । आप श्री विद्या के उत्कृष्ट उपासक हैं उस उपासना से अब क्या प्राप्त किया, उससे स्वयं जोशी मठ की दरारें भर कर धीरेन्द्र शास्री जी को नीचा दिखा दे, बजाय प्रश्न उठाने के । अथवा जिनकी उपसना करते हो उन पर तुम्हें स्वयं विश्वास नहीं ? मात्र सन्न्यासका और उपासना का दंभ ही करते हो ? हरि ॐ !

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