2 टिप्पणियाँ

शिवानी पंडित -गुरमीत राम रहीम
-आसाराम बापू
-स्वामी असीमानंद
-राधे मां
-रामपाल बाबा
-निर्मल बाबा
-नारायण साईं
इन सब बाबाओं ने मिलकर सनातन धर्म को कहाँ पहुँचाया है सबको पता ही है...असली सनातन विरोधी लोग तो ज़ाहिल गँवार वो लोग है जो अपने प्रभु, अपनी आस्था, अपने धर्म को छोड़ कर हर दिन किसी नये पाखंडी के चरणों में लोटने लगते है..और उसके लिए अपनों से ही लड़ने झगड़ने लगता है और खुद तो अपने धर्म को भ्रष्ट करने में लगा रहता है और दूसरे धार्मिक और सच्चे लोगो को भी इस दलदल में घसीटने का प्रयास करता है.. तो लड़ाई धर्म की नहीं पाखंड की हो रही है.. जो पाखंड को न स्वीकारे वो अधर्मी, सनातन विरोधी हो जाता है.. वाह.. धर्म की क्या नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है.. जय श्री कृष्णा


Link: http://www.vin3.org/index.php?c=article&cod=306884&lang=IN#vin3Comment-1443087
----------------------

Zaved Alam कितना सुन्दर प्रतिबिंब है उसका कारण क्या है?

मेरा रुप सुंदर है ! या ये जल स्वच्छ है नहीं !

ये जल स्थिर है , शांत है, अन्तर देख रहे हैं आप , Best जल है , वही रूप है किन्तु ये स्थिर नहीं है, शांत नहीं है !

और इसी कारण मैं अपना प्रतिबिंब इसमें नहीं देख पा रहा।

क्रोध के साथ भी यही होता है ! यदि आप स्थिर हैं शांत हैं तो आप अपनी आत्मा को देख सुन और समझ पाओगे किंतु ! क्रोध इस आत्मा की पुकार को पी जाता है !

इसलिए अपने क्रोध पर वश रखें कहीं ऐसा ना हो कि मूर्खता के कारण जन्मा ये क्रोध आपको पश्चात के अंत तक ले जाए।

राधे राधे !


Link: http://www.vin3.org/index.php?c=article&cod=306884&lang=IN#vin3Comment-1443089
----------------------