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भारतवर्ष एक ऐसा देश है जहाँ ऐसा माना जाता है कि हर चीज़ के लिए दोषी और ज़िम्मेदार सिर्फ एक ही कौम है और सबसे मज़ेदार बात ये है कि सभी चीज़ों के लिए भुगतना भी उस कौम को ही है क्योंकि उसके पास और कोई चारा छोड़ा ही नहीं गया है। वो कौम है बेचारी गरीब जनता। गिरते हुए इंसानी मूल्यों की सबसे बड़ी मिसाल बनता जा रहा है हमारा महान भारतवर्ष। यहाँ गिरते हुए मूल्यों, इंसानियत और नीचता के नए-नए कीर्तिमान रोज़ गढ़े जा रहे हैं और ऐसा लगता है जैसे इसकी प्रतिस्पर्धा चल रही हो जिसमें सरकार से लेकर हर समर्थवान अपनी भागीदारी निभा रहा है और कोई कसर नहीं छोड़ रहा अपने को इसमें अव्वल साबित करने में।

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समय आ गया है जब हम लोगों को बहुत अधिक जागरूक होने की जरूरत है. जिन चंद लोगों को हम हीरो अथवा हीरोइन कहकर पुकारते हैं असल मायने में सिर्फ एक अभिनेता से अधिक कुछ नहीं है. हम इनके निभाये गये किरदार की वजह से भावुक हो जाते हैं ओर इन्हे हीरो की श्रेणी में रखते हैं. अब वक़्त आ गया है हमें अपने असली हीरो को पहचानने की जरूरत है ओर बताने की जरूरत नहीं है कि वो कोंन है
हमारे किसान,फौज के सिपाही, सुरक्षाकर्मी, साइंटिस्ट, सफाईकर्मी, टैक्स payer,
बात सिर्फ सोचने की है
समझ में अपने आप आ जाएगी,।। किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स।। वंदे मातरम्।।


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